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भगवान गणेश जी के कहानी

गणेश जी से जुडी 8 मुख्य कथाये


पहली कहानी :

गणेश के एकदंत बनने की कथा
आपने देखा होगा भगवान श्री गणेश की मूर्ति में एकदन्त आधा टुटा हुआ है | यह दांत कैसे टुटा , इसके पीछे पुराणों में अलग अलग कथाये बताई गयी है | कही लिखा हुआ है विष्णु के अवतार चिरंजीवी भगवान परशुराम जी ने इसे तोडा है | तो कही महाभारत काव्य को लिखने के लिए | कही यह भी लिखा है की कार्तिकेय ने खेल खेल में गणेश जी का दन्त तोड़ दिया था |


दूसरी कहानी :

गणेश और तुलसी जी की कहानी
तुलसी जी और गणेश ने एक दुसरे को श्राप दे दिया जिससे तुलसी का विवाह एक असुर से तो गणेश जी का विवाह अकारण ही हो गया | तभी से तुलसी जी गणेश जी की पूजा में नही चढ़ाई जाती है |


तीसरी कहानी 

गणेश ने किया कुबेर का घमंड चूर
एक बार धन के देवता कुबेर को अत्यंत घमंड हो गया | उन्होंने महा भोज आयोजित किया | गणेश जी को उन्हें सबक सिखाना था | इसलिए लम्बोदर गणेश ने कुबेर के सारे खजाने ही खा लिए |


चौथी कहानी :

कैसे हुआ गणेश का विवाह – एक चूहे ने दिखाई चतुराई

गणेश पुराण के अनुसार भगवान गणेश के रूप के कारण उनका विवाह हो नही पा रहा था | वे और उनके मूषक इसी कारण चिढचिढ़े हो गये | जब भी कही विवाह होता उनका मूषक विवाह में खाद सामग्री कुतरना शुरू कर देता | तब ब्रह्मा जी एक युक्ति निकाली | आगे पढ़े विस्तार से |


पांचवी कहानी :

गणेश को क्यों प्रिय है दूर्वा
गणेश ने बार बार अवतार लेकर देवी देवताओ और मनुष्यों की रक्षा की है | पर एक बार एक ऐसा असुर हुआ जिसे निगलने से गणेश जी तड़पने लगे 


छठी कहानी : 

इस कारण गणेश और लक्ष्मी के साथ पूजे जाते है
गणेश प्रथम पूज्य देवता है तो धन की देवी लक्ष्मी जी को माना गया है | व्यक्ति के पास धन के साथ बुद्धि होना भी जरुरी है , इसी कारण गणेश जी और लक्ष्मी जी की पूजा एक साथ की जाती है |


सातवी कहानी : 

क्यों गणेश को सबसे पहले पूजा जाता है |
बुद्धि के देवता ने अपने ज्ञान के बल पर छोटे से मूषक से सम्पूर्ण ब्रहमांड के साथ चक्कर लगा लिए थे | तब शिव ने इन्हे प्रथम पूज्य का वरदान दिया |


आठवी कहानी :

चंद्रमा को गणेश का श्राप
आपने देखा होगा की भगवान चन्द्र  हर दिन अलग अलग आकार के होते है | अमावस्या पर वे दिखाई नही देते तो पूर्णिमा पर पुरे दिखाई देते है | यह सब हुआ गणेश जी के चन्द्र देवता पर रुष्ट होने के कारण